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mangala gauri vrat 2023: is baar saavan mein 9 mangala gauree vrat |
मंगला गौरी व्रत:-
मंगला गौरी व्रत माता पार्वती की पूजा के लिए समर्पित है। अगर कोई संतान प्राप्ति की इच्छा से भी इस व्रत को रखता है तो उसकी मनोकामना जल्द पूरी हो जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को रखने से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही अगर किसी के दांपत्य जीवन में समस्या चल रही है तो उनके लिए भी यह व्रत बहुत मंगलकारी रहता है। वहीं, अगर कोई अविवाहित कन्या इस व्रत को रखती है तो उन्हें उत्तम वर प्राप्ति की मनोकामना जल्द पूरी हो जाती है।
मंगला गौरी व्रत में शुभ योग:-
सावन का पहला मंगला गौरी व्रत त्रिपुष्कर योग में रखा जाएगा. मान्यता है कि इस योग में किए पूजा और व्रत से तीन गुना फल की प्राप्ति होती है. इस दिन त्रिपुष्कर योग दोपहर 01:38 बजे से अगले दिन सुबह 05:28 बजे तक रहेगा. इसके साथ ही इस दिन सुबह 11:50 बजे तक इंद्र योग भी रहेगा.
सावन में 9 मंगला गौरी व्रत का दुर्लभ संयोग:-
इस साल सावन में अधिकमास लगने के कारण सावन दो महीने का होगा, जिसमें सावन के 8 सोमवार का व्रत रखा जाएगा. अधिकमास के कारण इस साल मंगला गौरी व्रत की संख्या भी अधिक हो गई है. पंचांग के अनुसार, इस साल कुल 9 मंगलवार पड़ेंगे, जिस कारण 9 मंगला गौरी व्रत रखा जाएगा. इसमें चार सावन के और पांच अधिकमास के मंगला गौरी व्रत हैं.जबकि आमतौर पर हर साल 4 या 5 मंगला गौरी व्रत रखे जाते हैं.
मंगला गौरी व्रत में शुभ योग:-
सावन का पहला मंगला गौरी व्रत त्रिपुष्कर योग में रखा जाएगा. मान्यता है कि इस योग में किए पूजा और व्रत से तीन गुना फल की प्राप्ति होती है. इस दिन त्रिपुष्कर योग दोपहर 01:38 बजे से अगले दिन सुबह 05:28 बजे तक रहेगा. इसके साथ ही इस दिन सुबह 11:50 बजे तक इंद्र योग भी रहेगा.
सावन मंगला गौरी व्रत 2023 लिस्ट:-
पहला मंगला गौरी व्रत- 4 जुलाई
दूसरा मंगला गौरी व्रत- 11 जुलाई
तीसरा मंगला गौरी व्रत- 18 जुलाई (अधिकमास)
चौथा मंगला गौरी व्रत- 25 जुलाई (अधिकमास)
पांचवा मंगला गौरी व्रत- 1 अगस्त (अधिकमास)
छठा मंगला गौरी व्रत- 8 अगस्त (अधिकमास)
सातवां मंगला गौरी व्रत- 15 अगस्त (अधिकमास)
आठवां मंगला गौरी व्रत- 22 अगस्त
नौवां मंगला गौरी व्रत- 29 अगस्त
मंगला गौरी व्रत मंत्र:-
सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।
इसके अलावा आप ॐ उमामहेश्वराय नम: मंत्र का जप भी कर सकते
हैं।
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