बुध ग्रह का सभी बारह भावों में जानें शुभ-अशुभ फल विस्तार सें
बुध ग्रह का सभी बारह भावों में जानें शुभ-अशुभ फल विस्तार सें |
प्रथम भाव
प्रथम भाव में बुध की स्थिति शुभ मानी गयी है बुध को यहाँ दिग्बल प्राप्त हो जाता है ऐसा जातक बुद्धिमान, विद्वान्, गणितज्ञ, कवी, लेखक, ज्योतिषी हो सकता है वह धर्म के अनुसार आचरण करता है तथा दयालू और परोपकारी होता है |
द्वितीय भाव
द्वितीय भाव में बुध जातक को पिता का आज्ञाकारी बुद्धि से धनार्जन करता है, खाने पीने का बहुत शौकीन था विनोद प्रिय बनाता है।
तृतीय भाव में
तृतीय भाव में बुध मिला जुला फल देता है। ऐसा जातक साहसी तथा कठोर परिश्रमी होता है। धार्मिक गुरुओं का आदर करने वाला होता है।
चतुर्थ भाव में
चतुर्थ भाव में बुध शुभ फलदायक होता है जातक को अपार भौतिक सुख साधन दिलाता है। वह जातक को चतुर व बलवान भी बनाता है। यदि चतुर्थ भाव पापा क्रान्त नहीं है तो जातक अपार धन संपदा अनेक मित्रों वाला होता है।
पंचम भाव में
पंचम भाव में बुध शुभ फलदायक है। यह जातक को विवेकशील, काव्य प्रिय, विद्वान और कर्मकांडी बनाता है।
षष्ठ भाव में
षष्ठ भाव में बुध शुभ अशुभ स्थिति के अनुसार अपना मिला जुला फल देता है | जातक विद्वान, विनोदी होत है।
सप्तम भाव में
सप्तम भाव में बुध शुभ फलदायक होता है जातक कला प्रेमी होता है जातक की पत्नी उच्च स्तरीय परिवार से होती है वह वस्त्रों एवं भोजन का शौक़ीन होता है
अष्टम भाव में
अष्टम भाव में बुध शुभ फलदायक होता है । दीर्घायु प्रसिद्ध धनवान सत्य प्रेमी रजा की तरह प्रभुता संपन्न और सेनापति जैसा होता है। जातक बड़े भूखंडों का स्वामी होता है।
नवम भाव में
नवम भाव में बहुत अच्छे फल देता है। वह जातक को कूटनीतिज्ञ सदाचारी वक्ता धर्म निष्ट धनवान, विद्वान बनाता है। संगीत, साहित्य धर्म आदि के प्रति रुचि रखने वाला तथा किसी भी क्षेत्र में सफलता अर्जित करने में सक्षम होता है।
दशम भाव में
दशम भाव में बुध शुभ फलदायक है। ऐसा जातक धनवान बुद्धिमान, माता-पिता की सेवा करने वाला होता है तथा जीवन में अनेक सफलताएं प्राप्त करता है। जातक की स्मरण शक्ति तीव्र होती है।
एकादश भाव में
एकादश भाव में बुध जातक की शास्त्रों के प्रति रुचि बढ़ाता है जातक पवित्र कार्य करने वाला होता है। वह अनेक स्त्रोत से धन अर्जन करने वाला होता है|
द्वादश भाव में
द्वादश भाव में बुध दूसरों की मदद से प्रन्नता का अनुभव करने वाला तथा अपने वचन का पालन करने वाला होता है अवसर का लाभ न उठा पाना व् उदासीन भी होता है | बुध शिक्षा का कारक है अतः यह स्थिति अच्छी नहीं मानी जाती |
बुध ग्रह से बनने वाले योग केंद्र त्रिकोण में विशेष होते हैं। सूर्य की राजयोग का निर्माण करती है। यदि दोनों ग्रह 10 डिग्री के अंदर है तो विशेष प्रभाव देखने को मिलते हैं। शुक्र बुध की युति से लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण होता है।
यदि बुध ग्रह अच्छा होगा तो व्यक्ति कई भाषाओं का ज्ञाता हो सकता है। देखने में व्यक्ति अपनी वास्तविक उम्र से कम लगता है। यह आकर्षक व्यक्ति धनी होते हैं। ऐसे जातक अच्छे वक्ता तथा वाणिज्य और कारोबार में सफल होते हैं। बुध अच्छा होने पर कथावाचक और प्रवक्ता भी होते है।
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