G-B7QRPMNW6J विश्व का सबसे बड़ा शिव मंदिर : जहाँ महादेव जी ने ब्रह्मा जी को दिया था श्राप की रोचक कथा
You may get the most recent information and updates about Numerology, Vastu Shastra, Astrology, and the Dharmik Puja on this website. **** ' सृजन और प्रलय ' दोनों ही शिक्षक की गोद में खेलते है' - चाणक्य - 9837376839

विश्व का सबसे बड़ा शिव मंदिर : जहाँ महादेव जी ने ब्रह्मा जी को दिया था श्राप की रोचक कथा

Jyotish With AkshayG

विश्व का सबसे बड़ा शिव मंदिर : जहाँ महादेव जी ने ब्रह्मा जी को दिया था श्राप की रोचक कथा 

विश्व का सबसे बड़ा शिव मंदिर : जहाँ महादेव जी ने ब्रह्मा जी को दिया था श्राप की रोचक कथा
 विश्व का सबसे बड़ा शिव मंदिर : जहाँ महादेव जी ने ब्रह्मा जी को दिया था श्राप की रोचक कथा 


शंकर भगवान के क्रोधित होने के कारण और स्थान जहाँ, उन्होंने ब्रह्माजी को श्राप दिया कि उनका कोई मंदिर पृथ्वी पर नहीं बनेगा। वहीं केवड़े को फूल को भी श्राप दिया कि वह भी शिव पूजा में इस्तेमाल नहीं होगा। जिस जगह पर शंकर ने ब्रह्माजी को शाप दिया था। वह स्थल तिरुवनमलाई है।

यहां है विश्व का सबसे बड़ा शिव मंदिर, इस जगह पर महादेव ने ब्रह्मा जी को दिया था श्राप

तिरुवनमलाई. तमिलनाडु के तिरुवनमलाई जिले में शिवजी का एक मंदिर है। अन्नामलाई पर्वत की तराई में स्थित इस मंदिर को अरुणाचलेश्वर शिव मंदिर कहा जाता है। यहां सावन पर भक्तों की काफी भीड़ उमड़ती है। वहीं कार्तिक पूर्णिमा पर मेला भी लगता है। श्रद्धालु यहां अन्नामलाई पर्वत की 14 किमी लंबी परिक्रमा कर महादेव से मन्नत मांगते हैं। कहा जाता है कि यह विश्व में भोलेनाथ का सबसे बड़ा मंदिर है।

पौराणिक कथा के अनुसार एक बार ब्रह्माजी ने हंस का रूप लिया। वहीं शिवजी के शीर्ष को देखने के लिए उड़ान भरी। उसे देखने में असमर्थन रहने पर ब्रह्मा ने केवड़े के फूल से जो महादेव के मुकुट से नीचे गिरा था। शिखर के बारे में पूछा। पुष्प ने कहा कि वह चालीस हजार साल से गिरा पड़ा है। ब्रह्माजी को लगा कि वे शीर्ष तक नहीं जा पाएंगे। तब उन्होंने फूल को झूठी गवाही देने के लिए मना लिया कि उन्होंने भगवान शिव का शीर्ष देखा है। शंकर इस बात पर क्रोधित हो गए। उन्होंने ब्रह्माजी को श्राप दिया कि उनका कोई मंदिर पृथ्वी पर नहीं बनेगा। वहीं केवड़े को फूल को भी श्राप दिया कि वह भी शिव पूजा में इस्तेमाल नहीं होगा। जिस जगह पर शंकर ने ब्रह्माजी को शाप दिया था। वह स्थल तिरुवनमलाई है।

अरुणाचलेश्वर मंदिर पहाड़ की तराई में है। यह अन्नामलाई पर्वत शिवजी का प्रतीक है। पर्वत की ऊंचाई 2668 फीट है। तिरुवनमलाई में 8 दिशाओं में आठ शिवलिंग हैं। मान्यता है कि हर लिंगम के दर्सन से कई लाभ प्राप्त होते हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर इस मंदिर पर दीपदान किया जाता है। यह मंदिर सुबह 5.30 बजे से रात्रि 09 बजे तक खुला रहता है।

चेन्नई से तिरुवनमलाई की दूरी 200 किमी है। चेन्नई से यहां बस से पहुंचा जा सकता है। ट्रेन के लिए चेन्नई से वेल्लोर होकर या चेन्नई से विलुपुरम होकर पहुंचा जा सकता है।

Download

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Do you have any doubts? chat with us on WhatsApp
Hello, How can I help you? ...
Click me to start the chat...