शनि और शुक्र 31 अगस्त को बनाने वाले है 'षडाष्टक योग' इन राशि वालो के लिए रहेगा अशुभ
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शनि और शुक्र 31 अगस्त को बनाने वाले है षडाष्टक योग इन राशि वालो के लिए रहेगा अशुभ |
ज्योतिष में षडाष्टक योग को शुभ नहीं माना गया है.
षडाष्टक योग::- षडाष्टक योग की गिनती अशुभ योगो में की जाती है।दो ग्रहो के योग से यह योग बनता है।जब भी कुंडली में दो ग्रह एक दूसरे से छठे और आठवें भाव में होते है तब षडाष्टक योग बनता है। यह योग इस कारण अशुभ होता है क्योंकि इस योग में ग्रहो के बीच एक दूसरे से 6 और 8 का सम्बन्ध बन जाता है।लग्न से या किसी भी भाव से छठा भाव उस जातक या भाव से सम्बंधित फलो लिए दुःख, रोग, ऋण, चिंता आदि अशुभ परिणामो का होता है तो इसीतरह लग्न या किसी भी भाव से आठवाँ भाव उस जातक या भाव संबंधी फलो के लिए दुर्भाग्य, नष्टता, भयंकर कष्ट, संकट आदि का होता है।जब भी कुंडली में ग्रह एक दूसरे से 6 और 8 स्थान पर होंगे उनके फल एक दूसरे की तरह से नकारात्मक ही मिलेंगे।यदि षडाष्टक योग बनाने वाले ग्रह बलवान स्थिति में भी हुए और अपनी स्थिति अनुसार शुभ है।लेकिन एक दूसरे से 6 और 8वे स्थान पर हो और महादशा अन्तर्दशा दोनों ही षडाष्टक योग बनाने वाले ग्रहो की चल रही हो तब किसी तरह के शुभ परिणाम जातक को नही मिलते क्योंकि दशानाथ ग्रहो की स्थिति षडाष्टक योग से ग्रसित होगी।केंद्र त्रिकोण के स्वामियों का एक दूसरे से 6 और 8 की स्थिति में बैठना बहुत अशुभ परिणाम देता है क्योंकि केंद्र त्रिकोण के स्वामी शुभ और योगकारी ग्रह होते है जब यही ग्रह एक दूसरे से 6 और 8 की स्थिति में बैठ जाते है तब इनके शुभ परिणामो में कमी आ जाती है।किसी भी भाव के स्वामी का अपने भाव से 6, और 8वे भाव में बेठना भाव के लिए शुभ परिणाम नही देता।12वां भाव प्रथकता हानि से सम्बंधित भाव है जो इसी तरह फल उत्पन्न करेगा।इसी करण किसी भी भाव के स्वामी का अपने भाव से 12वे भाव में बैठना भी अपने उस भाव संबंधी के फल की हानि करता है।
उस पर शनि और शुक्र ग्रह यदि षडाष्टक योग बनाएं तो यह जीवन में बड़ी मुसीबतें-संकट लाता है. कुछ ही समय में शनि-शुक्र षडाष्टक योग बनाने जा रहे हैं, जो 4 राशि वालों पर भारी पड़ेगा
जिंदगी में तूफान मचा देगा शनि-शुक्र का ‘षडाष्टक योग’,इन राशि वालो के लिए रहेगा अशुभ
शनि इस समय मकर राशि में हैं और वक्री चाल चल रहे हैं. वहीं शुक्र ग्रह कर्क राशि में हैं. 31 अगस्त को शुक्र ग्रह कर्क राशि से निकलकर सिंह में 18:03:47 पर प्रवेश कर जाएंगे. ऐसा करते ही शनि और शुक्र मिलकर षडाष्टक योग बनाएंगे. षडाष्टक योग से मतलब है कि शनि से शुक्र अष्टक होंगे और शुक्र, शनि से 6 घर दूर रहेंगे. शुक्र 24 सितंबर तक इसी स्थिति में रहेंगे. शनि और शुक्र का षडाष्टक योग भी शुभ नहीं कहा जा सकता है और इस दौरान खासतौर पर 4 राशि वालों को बहुत सतर्क रहना होगा. जानते हैं कि किन राशि वालों के लिए षडाष्टक योग अशुभ साबित हो सकता है.
शनि-शुक्र षडाष्टक योग 1 सितंबर से 24 सितंबर 2022 तक बनाएंगे. इन 4 राशि वालों को बेहद सतर्क रहना होगा:-
वृष: षडाष्टक योग वृष राशि वालों के लिए किस्मत के दरवाजे बंद कर सकता है. इन जातकों को इस दौरान आलस से बचना चाहिए, वरना करियर में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
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मिथुन: मिथुन राशि वालों को षडाष्टक योग सेहत संबंधी समस्या दे सकता है. उन्हें दुर्घटनाओं को लेकर भी सतर्क रहना चाहिए. वाहन चलाते समय सावधान रहें. इसके अलावा डायबिटीज के मरीजों को अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहिए. रोजाना लंबी सैर पर जाएं.
धनु: धनु राशि वालों के लिए शनि-शुक्र का षडाष्टक योग प्रमोशन रोक सकता है. उन्हें कटु वाणी के कारण नुकसान हो सकता है. वर्कप्लेस पर जितना विनम्र रहें, उतना अच्छा है. व्यापारी भी इस बात का ध्यान रखें. पारिवारिक संपत्ति को लेकर विवाद हो सकता है. झगड़े से बचें.
कुंभ: षडाष्टक योग दांपत्य जीवन में मुश्किल ला सकता है. खासतौर पर जो लोग ज्यादातर समय टूर पर रहते हैं, वे अपने जीवनसाथी को समय नहीं दे पाएंगे और इससे बड़ी समस्या हो सकती है. इससे बचें. लव कपल्स का समय न दे पाने के कारण ब्रेकअप हो सकता है.
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