G-B7QRPMNW6J पूजा के ये 34 नियम और शाम के समय भूलकर भी न करें ये काम हो सकती है आपकी पूजा खंडित
You may get the most recent information and updates about Numerology, Vastu Shastra, Astrology, and the Dharmik Puja on this website. **** ' सृजन और प्रलय ' दोनों ही शिक्षक की गोद में खेलते है' - चाणक्य - 9837376839

पूजा के ये 34 नियम और शाम के समय भूलकर भी न करें ये काम हो सकती है आपकी पूजा खंडित

Jyotish With AkshayG

पूजा के ये 34  नियम और शाम के समय भूलकर भी न करें ये काम हो सकती है आपकी पूजा खंडित 

पूजा के ये 34  नियम और शाम के समय भूलकर भी न करें ये काम हो सकती है आपकी पूजा खंडित
पूजा के ये 34  नियम और शाम के समय भूलकर भी न करें ये काम हो सकती है आपकी पूजा खंडित 


Evening Puja Path Rules: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है.लोग इसका पालन भी करते हैं. लेकिन कई बार देखा गया है कि कुछ लोगों को उन्हें पूजा का फल नहीं मिल पाता. इस बारे में ज्योतिष दिनेश सिंह कहते हैं कि लोग पूजा तो करते हैं पर अनजाने में हुई गलती से बेफिक्र रहते हैं, जिसका उनको अंदाजा नहीं होता. उनको पता नहीं होता कि रोजाना सुबह-शाम ,दोनों समय की पूजा में कुछ अंतर होता है. इसलिए शाम के वक्त पूजा करते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. शाम की पूजा में आप इन बातों का खास ध्यान रखें -

1.शाम के वक्त तुलसी की पत्तियां ना तो तोड़े और ना ही शाम के समय होने वाली पूजा में तुलसी का प्रयोग करें.

2.शास्‍त्रों में सूर्यास्‍त के बाद तुलसी को छूने से भी मना किया गया है. ऐसा करना कई मुसीबतों का कारण बन सकता है.

3.शाम के वक्त पूजा के लिए फूल कभी ना तोड़े, क्योंकि शाम के वक्त पूजा के लिए फूल तोड़ना अशुभ माना जाता है.

4.शाम की पूजा में भगवान को फूल भी अर्पित करें शाम के वक्त सूर्य देव का आह्वान गलती से भी नहीं करें. ऐसा करना अशुभ होता है.

5.पूजा हमेशा सूर्योदय से लेकर सूर्योस्‍त होने से कुछ घंटे पहले तक ही करें. 

6.शाम की पूजा के दौरान घंटी या शंख नहीं बजाए, क्योंकि सूर्य अस्त होने के बाद देवी देवता शयन को चले जाते हैं और घंटी और शंख बजाने से उनके आराम में खलल पड़ता है.

7.शाम की पूजा में हमेशा दो दीपक जलाएं एक घी का और एक तेल का.

8.भगवान के व‍िश्राम में बाधा उत्‍पन्‍न न हो इसके लिए पूजा स्‍थल का पर्दा डाल दें और भोर के समय ही इनको खोलें.

9.पूजा तो सभी लोग करते हैं लेकिन कुछ लोगों को पूजा-पाठ का सही फल नहीं मिल पाता. इसलिए शाम को पूजा करते समय कुछ विशेष बातों को ध्यान में रखना बहुत जरूरी होता है.

10.शाम के वक्त पूजा के लिए फूल कभी ना तोड़े, क्योंकि शाम के वक्त पूजा के लिए फूल तोड़ना अशुभ माना जाता है.

11.शाम की पूजा में भगवान को फूल भी अर्पित करें शाम के वक्त सूर्य देव का आह्वान गलती से भी नहीं करें. ऐसा करना अशुभ होता है.

12.पूजा हमेशा सूर्योदय से लेकर सूर्योस्‍त होने से कुछ घंटे पहले तक ही करें.

13.घंटी और शंख बजाने से उनके आराम में खलल पड़ता है.

14.शाम की पूजा में हमेशा दो दीपक जलाएं एक घी का और एक तेल का.

15.भगवान के व‍िश्राम में बाधा उत्‍पन्‍न न हो इसके लिए पूजा स्‍थल का पर्दा डाल दें और भोर के समय ही इनको खोलें

16. सूर्य, गणेश, दुर्गा, शिव एवं विष्णु ये पांच देव कहलाते हैं। इनकी पूजा सभी कार्यों और गृहस्थ आश्रम में नित्य होनी चाहिए। इससे धन, लक्ष्मी और सुख प्राप्त होता है।

17. गणेश जी और भैरवजी को तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए।

18. दुर्गा जी को दूर्वा नहीं चढ़ानी चाहिए। 

19. सूर्य देव को शंख के जल से अर्घ्य नहीं देना चाहिए। 

20. तुलसी का पत्ता बिना स्नान किए नहीं तोडना चाहिए। जो लोग बिना स्नान किए तुलसी का पत्ता तोड़ते हैं, उनके तुलसी पत्रों को भगवान स्वीकार नहीं करते हैं। 

21. रविवार, एकादशी, द्वादशी, संक्रान्ति तथा संध्या काल में तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। 

22. दूर्वा (एक प्रकार की घास) रविवार को नहीं तोड़नी चाहिए। 

23 केतकी का फूल शंकर जी को नहीं चढ़ाना चाहिए। 

24. कमल का फूल पांच रात्रि तक उसमें जल छिड़क कर चढ़ा सकते हैं। 

25. बिल्व पत्र दस रात्रि तक जल छिड़क कर महादेव को अर्पित कर सकते हैं। 

26. तुलसी की पत्ती को ग्यारह रात्रि तक जल छिड़क कर भगवान को अर्पित कर सकते हैं। 

27. हाथों में रख कर हाथों से फूल नहीं चढ़ाना चाहिए। 

28. तांबे के पात्र में चंदन नहीं रखना चाहिए। 

29. दीपक से दीपक नहीं जलाना चाहिए जो दीपक से दीपक जलते हैं वो रोगी होते हैं। 

30 पतला चंदन देवताओं को नहीं चढ़ाना चाहिए। 

31. प्रतिदिन की पूजा में मनोकामना की सफलता के लिए दक्षिणा अवश्य चढ़ानी चाहिए। दक्षिणा में अपने दोष, दुर्गुणों को छोड़ने का संकल्प लें, अवश्य सफलता मिलेगी और मनोकामना पूर्ण होगी। 

32. चर्मपात्र या प्लास्टिक पात्र में गंगाजल नहीं रखना चाहिए। 

33. स्त्रियों को शंख नहीं बजाना चाहिए यदि स्त्रियां शंख बजाती हैं तो लक्ष्मी उस स्थान से चली जाती हैं। 

34. आरती करने वालों को प्रथम चरणों की चार बार, नाभि की दो बार और मुख की एक या तीन बार और समस्त अंगों की सात बार आरती करनी चाहिए।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Do you have any doubts? chat with us on WhatsApp
Hello, How can I help you? ...
Click me to start the chat...