Counting of Chapatis गिनकर रोटियां ना बनाने और खिलाने की ज्योतिषीय और वैज्ञानिक वजह
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Counting of Chapatis गिनकर रोटियां ना बनाने और खिलाने की ज्योतिषीय और वैज्ञानिक वजह |
सनातन धर्म में अतिथि को भगवान का रूप माना गया है. इसलिए पहले के समय में घरों में अप्रत्याशित तौर पर आने वाले मेहमान के लिए रोज अतिरिक्त रोटियां बनाई जाती थीं.
रोटियां गिनकर क्यों नहीं बनानी और खिलानी चाहिए? जान लें वजह, वरना…
जब से एकल परिवारों का चलन बढ़ा है, घरों में हर सदस्य के हिसाब से गिनकर रोटियां बनाई जाने लगी हैं. जाहिर है जब रोटियां गिनकर बनेंगी तो खिलाई भी गिनकर जाएंगी. बढ़ते मोटापे-बीमारियों को देखते हुए कम खाने की ये ट्रिक एक नजर में तो अच्छी लग सकती है लेकिन यह जीवन पर बहुत बुरा असर डालती है. यह न केवल कुंडली के शुभ ग्रहों के असर को गड़बड़ा देती है, बल्कि घर की सुख-शांति-समृद्धि और परिजनों की सेहत तक छीन लेती है. आइए आज जानते हैं कि रोटी का ग्रहों से क्या संबंध है और रोटियां पकाने को लेकर धर्म, ज्योतिष और वास्तु शास्त्र में क्या मार्गदर्शन दिया गया है.
घर के सदस्यों के भोजन के लिए जितनी रोटियों की जरूरत है, हमेशा उससे 4 से 5 ज्यादा रोटियों का आटा तैयार करना चाहिए. इसमें पहली रोटी गाय के लिए बनानी चाहिए. इसका आकार तवे जितना बड़ा होना चाहिए. वहीं आखिरी रोटी कुत्ते के लिए बनानी चाहिए. इसे तोड़कर गाय की रोटी से अलग रख देना चाहिए.
वहीं 2 रोटी मेहमान के लिए बनानी चाहिए. सनातन धर्म में अतिथि को भगवान का रूप माना गया है. इसलिए पहले के समय में घरों में अप्रत्याशित तौर पर आने वाले मेहमान के लिए रोज अतिरिक्त रोटियां बनाई जाती थीं. ऐसा करने से घर में बरकत बनी रहती है और मां अन्नपूर्णा की कृपा भी रहती है. घर आए मेहमान का भूखा जाना अच्छा नहीं होता है. यदि मेहमान न आएं तो ये रोटियां खुद उपयोग कर लें या गाय अथवा कुत्ते, पक्षियों आदि को दे दें.
जब रोटियां गिनकर बनाई जाती हैं तो बचे हुए आटे को फ्रिज में रख दिया जाता है और अगले दिन इसका इस्तेमाल किया जाता है. ऐसा करना वैज्ञानिक नजरिए से तो गलत है ही क्योंकि इसमें पैदा हुए बैक्टीरिया कई बीमारियों को जन्म देते हैं, इसके अलावा यह ज्योतिष के लिहाज से भी गलत है.
रोटी का संबंध सूर्य और मंगल से है. रोटी हमें ऊर्जा देती है लेकिन जब बासी आटे से रोटी बनाई जाती है, तो आटे में पैदा हुए बैक्टीरिया के कारण उसका संबंध राहु से हो जाता है. ऐसी रोटी कुत्ते को दी जानी चाहिए. लेकिन जब कुत्ते को दी जाने वाली ये रोटियां यानी कि बासी आटे की रोटियां जब घर के लोग खाते हैं तो वह सामान्य से तेज आवाज में बोलते हैं और यह स्थितियां झगड़े का कारण बनती हैं. लिहाजा घर में शांति चाहते हैं तो कभी भी बासी आटे से बनी रोटियां घर के लोगों को नहीं खानी चाहिए.
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