G-B7QRPMNW6J Nirjala Ekadashi: निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु और गणेश की पूजा का शुभ योग और उपाय
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Nirjala Ekadashi: निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु और गणेश की पूजा का शुभ योग और उपाय

Jyotish With AkshayG

worshiping Lord Vishnu and Ganesha on Nirjala Ekadashi
worshiping Lord Vishnu and Ganesha on Nirjala Ekadashi

निर्जला एकादशी का व्रत:-

एकादशी का व्रत करने से भगवान विष्णु की कृपा मिलती है और जाने-अनजाने में हुई गलतियों से मुक्ति भी मिलती है.

इस साल निर्जला एकादशी का व्रत 31 मई को रखा जाएगा. मान्यता है कि ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर निर्जला व्रत रखने से साल भर की सभी एकादशी व्रत के बराबर फल और पुण्य मिलता है. ज्येष्ठ माह में निर्जला व्रत रखना किसी तपस्या से कम नहीं है. इस बार बुधवार के दिन एकादशी होने से विष्णुजी के साथ गणेश जी और बुध ग्रह की पूजा का शुभ योग बन रहा है. एकादशी का व्रत करने से भगवान विष्णु की कृपा मिलती है और जाने-अनजाने में हुई गलतियों से मुक्ति भी मिलती है.

निर्जला एकादशी पर सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहनें. सूर्य देव को तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं और फिर पूजा की तैयारी करें.

1-सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें और फिर सभी भगवान की प्रतिमाओं का अभिषेक करें.

2-इसके बाद भगवान को फल-फूल, गंगाजल, धूप-दीप और प्रसाद आदि चढ़ाएं.

3-गणेश जी को दूर्वा की 21 गांठ चढ़ाएं और श्री गणेशाय नम: मंत्र का जाप करें.

4-सुबह पूजा के बाद दिन भर भगवान को याद करें और भजन-कीर्तन करें.

5-रात में भी भगवान विष्णु के सामने दीपक जलाएं और आरती करें.

6-अगले दिन सुबह जल्दी उठकर भगवान की पूजा करें और दान करें.

7-अगर आप निर्जला व्रत नहीं रख पा रहे हैं तो दूध या पानी पी लें. फलाहार भी कर सकते हैं.

8-सप्ताह के सातों दिन पहनें ग्रहों के हिसाब से इन रंगों के कपड़े, बन जाएंगे सारे काम

निर्जला एकादशी में ध्यान रखने योग्य बातें :-

भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा करें.

भगवान गणेश के साथ रिद्धि-सिद्धि की भी पूजा करें. इससे घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है.

इस दिन सुहागिनों द्वारा जल से भरा कलश दान करने से सुहाग पर आने वाला संकट टल जाता है.

कच्चे दूध में तिल, फूल और गंगाजल मिलाकर पीपल के पेड़ पर चढ़ाने से पितृदोष खत्म होता है.

निर्जला एकादशी पर जो दंपति भगवान विष्णु के मंत्रों का हवन करती है वह जीवन में सभी भौतिक सुखों को प्राप्त करता है.



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