G-B7QRPMNW6J मोदी और BJP के नाम का चौकादेने वाला ज्योतिषीय विश्लेषण जिससे भारत को विश्व में अलग पहचान मिली
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मोदी और BJP के नाम का चौकादेने वाला ज्योतिषीय विश्लेषण जिससे भारत को विश्व में अलग पहचान मिली

Jyotish With AkshayG

MODI - BJP
modi aur bjp ke naam ka chaukadene vala jyotishiy vishleshan

हिंदी भाषा का प्रभाव :-

हिंदी में जो लिखा जाता है वही पढ़ा भी जाता है, जबकि अंग्रेजी भाषा में देखें तो Chemistry(केमिस्ट्री) और Chopra (चोपड़ा) दोनों शब्द “ch” से बने हैं लेकिन पढने में एक को “क” और एक को “च” पढ़ा जा रहा है | गलत उच्चारण का असर तो सभी भाषाओं पर पड़ता है | लेकिन हिंदी में सब कुछ बदल जाता है | जिसमे मात्रा भी सम्मलित है | जिस प्रकार गलत दावा शारीर को नुकसान पहुंचा सकती है उसी प्रकार गलत नाम भी आपके व्यवसाय और जीवन से जुड़े हर पहलू को हानि पहुंचा सकता है |  

नाम का पहला अक्षर:-

किसी व्यक्ति के नाम का पहला अक्षर उसकी भावना का प्रतीक होता है और उसका व्यक्तित्व उस भावना से जुड़ा होता है। किसी व्यक्ति के नाम के पहले अक्षर का प्रभाव उस व्यक्ति की शिक्षा पर भी पड़ता है।

नाम का दूसरा अक्षर:-

व्यक्ति के नाम के दूसरे अक्षर का निर्धारण व्यक्ति के काम के दूसरे अक्षर से, व्यक्ति की शैक्षिक आकांक्षाओं से, उन आकांक्षाओं को किस हद तक साकार किया गया है, और अन्य कारकों से किया जा सकता है। किसी व्यक्ति के नाम के दूसरे अक्षर से भी उसके व्यवहार को समझा जा सकता है, किसी व्यक्ति के नाम के दूसरे अक्षर से भी पता चल सकता है कि वह ईमानदारी से जीवन व्यतीत करेगा या झूठ बोलकर जीवन व्यतीत करेगा| साथ ही नाम का दूसरा अक्षर व्यक्ति के धनोपार्जन की स्थिति को भी दर्शाता है |

नाम का तीसरा या अन्तिम अक्षर:-

जब कोई व्यक्ति जीवन के संघर्षों का अनुभव करता है, तो वह कुछ निश्चित तरीकों से कार्य करता है अपना काम, अपना व्यवहार, आदि—एक अंतिम समय में स्वयं के लिए गति बढ़ाने के प्रयास में। इसके अतिरिक्त नाम का तीसरा अक्षर भी जातक के सामने संतान का बोध कराता है। किसी व्यक्ति के नाम का अंतिम अक्षर हमेशा उसके अंतिम वेग को दर्शाता है। नाम का पहला और आखिरी अक्षर वंश वृक्ष को भी दर्शाता है। तीसरा या अंतिम अक्षर यह भी दर्शाता है कि उसके द्वारा अर्जित किया गया धन उसको कितना और कब तक फलीभूत होगा |

नाम में मात्राओं का महत्त्व:-

मात्रा स्वयं व्यक्त करती है कि यह तीन दैवीय शक्तियों को कैसे देखता है। मातृया वह जगह है जहां से राशि शब्द आता है। वैदिक युग से, संख्या की शक्ति को लक्ष्मी, काली और सरस्वती की शक्तियों के साथ स्वीकार किया गया है। उदाहरण के लिए, "आ” की मात्रा व्यक्ति के भूमि घटक की शक्ति की स्थिति को दर्शाती है, "ई" की मात्रा भूमिगत या भूमि के उपर पानी के प्रभाव को दर्शाती है, और "ओ" की मात्रा स्वर्गीय शक्ति की स्थिति को दर्शाती है। देवी लक्ष्मी को जल और भूमि दोनों की शीर्ष परत के रूप में देखा जाता है। काली देवी की शक्ति इसलिए दी गई है ताकि आप समझ सकें कि जमीन या पानी के अंडरवर्ल्ड कैसे काम करते हैं। आकाश शक्ति का पुरस्कार सरस्वती को दिया गया है। इसके अलावा, मात्राओं को तीन अन्य मात्राओं, "," "," और "ओ" के साथ जोड़कर प्रदर्शित किया जाता है।

…. की मात्रा व्यक्ति के भूमि घटक की शक्ति की स्थिति को दर्शाती है लक्ष्मी, कृपा (सतह)

ई...... काली (पाताल लोक)

ओ......सरस्वती (आकाश) (आकाश)

नाम में अग्नि, भूमि, जल और वायु तत्व का महत्त्व:-

अग्नि तत्व की राशियां:-

इनकी इच्छा सदैव जीतने की होती है। इनमें सदैव आगे बढऩे की ऊर्जा विद्यमान रहती है। कठिन से कठिन परिस्थितियों का सामना करने में हिचकते नहीं हैं। वे बहुत मनमौजी स्वभाव के होते हैं, लेकिन अगर ठीक से मैनेज करें, तो ये बहुत फायदेमंद हो सकते हैं। ये भावनात्मक रूप से अस्थिर हो सकते हैं, हालांकि ये बहुत भावुक होते हैं। इन्हें आत्मविश्वास की कोई कमी नहीं होती है। ये आग की तरह आवेगी होते हैं और अक्सर कुछ भी करने से पहले अच्छी तरह सोच-विचार करते हैं। अग्नि तत्व वाली राशियों के लोग काफी आत्म केन्द्रित होते हैं।

भूमि तत्व की राशियां:

भूमि तत्व वाली राशियां पृथ्वी की तरह धीरज व शीतल स्वभाव की होती हैं। ये हमेशा कुछ न कुछ अपने भीतर छिपाए रखते हैं, इनकी गति धीमी होती है पर धैर्य लाजवाब होता है। ये स्वयं को पहचान नहीं पाते। इनके अंदर की खूबी को अगर कोई पहचान ले तो इन्हें आसमान की बुलंदियों तक ले जा सकता है। इनका व्यक्तित्व बहुमुखी होता है, कभी एक दायरे में नहीं बांध पाते।

जल तत्व की राशियां:- 

जल तत्व की सबसे बड़ी विशेषता यही होती है कि यह पात्र के आकार के साथ-साथ उसकी प्रकृति को भी ग्रहण कर लेता है। इन राशियों के जातकों की शारीरिक संरचना थोड़ी कमजोर होती है। ऊर्जा की कमी से जूझते हैं। ये स्वाभाव से थोड़े सनकी होते हैं। जल तत्व की राशियों वाले लोग सबसे ज्यादा भावुक होते हैं। ये भावनाओं को दबाकर रखने वाले संवेदनशील और रहस्मयी सोच वाले होते हैं। ये लोग खुशमिजाज व विशाल हृदय वाले होते हैं। इन राशियों के जातक सफल प्रेमी होते हैं। इनके दूसरे लोगों के साथ बढिय़ा संबंध होते हैं। ये दूसरों के उद्देश्यों और जरूरतों को अच्छी तरह समझते हैं। इनका स्वभाव बहुत केयरिंग और मददगार होता है, पर बहुत ज्यादा भावुक होने के कारण जब लोग इनके त्याग और बलिदान को नहीं समझते, तब वे बहुत जल्दी दुखी हो जाते हैं।

वायु तत्व की राशियां:- 

वायु अर्थात् लगातार गतिशील, इसीलिए ये लोग निरंतर गतिशील होते हैं। वायु का सबसे बड़ा गुण है कि इसे जिस आकार के पात्र में डाला जाए यह उसके सामान आकार तो ग्रहण कर लेती है परन्तु इसकी मूलभूत प्रकृति में कोई बदलाव नहीं होता है। यानी वायु तत्व वाले जरूरत पडऩे पर किसी भी प्रकार के माहौल में गुजर तो कर लेते हैं पर उनके मूलभूत स्वभाव को बदलना मुश्किल होता है। इनकी कल्पनाशक्ति बहुत अच्छी और तेज होती है। ये कला प्रेमी होते हैं, स्वाभाव सौम्य होता है। इनका भाषा पर अच्छा प्रभुत्व होता है। इनकी तर्क-शक्ति और लेखन कला अच्छी होती है। ये अच्छे सलाहकार हो सकते हैं।जिन कामों में शरीर की अपेक्षा दिमाग का अधिक प्रयोग करना पड़ता हो वहां वायु तत्व वाले अच्छी तरह सामंजस्य बैठा सकते हैं। कारोबारी समझ अच्छी होती है। वायु तत्व वाली राशियां अस्थिर चित्त और दोहरे स्वभाव वाली होने के कारण इन्हें प्यार में कम सफलता मिलती है।

उदाहरण के लिये अगर देखा जाये तो नाम का असर :-

अमेरिका:-

"अमेरिका" में पहला नामाक्षर मेष राशि का है और दूसरा अक्षर सिंह राशि का होने के कारण पूरा नाम ही लाभ भाव का है,और मित्र बनाने और लाभ कमाने के अलावा और कोई उदाहरण नही मिलता है,

चीन:-

उसी प्रकार से " चीन  शब्द के नामाक्षर में पहला अक्षर मीन राशि का है और दूसरा अक्षर वृश्चिक राशि का होने से नामानुसार कबाड से जुगाड बनाने के लिये इस देश को समझा जा सकता है,वृश्चिक राशि का भाव पंचमकारों की श्रेणी में आने से चीन में जनसंख्या बढने का कारण मैथुन से,चीन में अधिक से अधिक मांस का प्रयोग,चीन में अधिक से अधिक फ़ेंकने वाली वस्तुओं को उपयोगी बनाने और जब सात्विकता में देखा जाये तो वृश्चिक राशि के प्रभाव से ध्यान समाधि और पितरों पर अधिक विश्वास के लिये मानने से कोई मना नही कर सकता है।

भारत :-

उसी प्रकार से भारत के नाम का पहला नामाक्षर धनु राशि का और दूसरा नामाक्षर तुला राशि का होने से धर्म और भाग्य जो धनु राशि का प्रभाव है,और तुला राशि का भाव अच्छा या बुरा सोचने के बाद अच्छे और बुरे के बीच में मिलने वाले भेद को प्राप्त करने के बाद किये जाने वाले कार्यों से भारत का नाम सिरमौर रहा है। इसी तरह से अगर किसी व्यक्ति का नाम "अमर" अटल आदि है तो वह किसी ना किसी प्रकार से अपने लिये लाभ का रास्ता कहीं ना कहीं से प्राप्त कर लेगा यह भी एक ज्योतिष का चमत्कार ही माना जा सकता है।अपने नाम के अनुसार किस प्रकार से व्यवसाय को चुना जावे

एरटेल:-

अपने अपने नाम से व्यवसाय करने के लिये लोग तरह तरह के प्रयोग किया करते है,जैसे किसी के नाम के आगे एक ही राशि के दो अक्षर सामने आजाते है तो वह फ़ौरन दूसरा शब्द उस नाम से लाभ लेने के लिये प्रयोग में ले आता है,एक नाम का उदाहरण है "एयरटेल" यह नाम अपने मे विशेषता लेकर चलता है,और इस नाम को भारतीय ज्योतिष के अनुसार प्रयोग करने के लिये जो भाव सामने आते है उनके आनुसार अक्षर "" वृष राशि का है और "य" वृश्चिक राशि का है,वृष से वृश्चिक एक-सात की भावना देती है,जो साझेदारी के लिये माना जाता है,इस नाम के अनुसार कोई भी काम बिना साझेदारी के नही किया जा सकता है,लेकिन साझेदारी के अन्दर भी लाभ का भाव होना जरूरी है,इसलिये दूसरा शब्द"टेल" में सिंह राशि का "ट" प्रयोग में लिया गया है,एक व्यक्ति साझेदारी करता है और लाभ कमाता है,अधिक गहरे में जाने से वृष से सिंह राशि एक चार का भाव देती है,लाभ कमाने के लिये इस राशि को जनता मे जाना पडेगा, कारण वृष से सिंह जनता के चौथे भाव में विराजमान है।

रिलाइंस:-

व्यक्ति के नाम का दूसरा अक्षर उसके काम के ‘‘नाम’’ के लिए अक्षर चुनने के लिए। देखना आवश्यक है। जैसेः- धीरूभाई अम्बानी और कम्पनी का नाम ‘‘रिलाइंस’’।

पात्र, काल और देश की उपलब्धि में नाम और उसकी मात्रा का ज्योतिषीय प्रभाव :-

देखा जाए तो भारत के पूर्व प्रधान मंत्री जेसे :- 

जवाहर लाल नेहरु, इंदिरा गाँधी और राजीव गाँधी इनमे भी पहला या अंतिम अक्षर “र” आ रहा है किन्तु “कांग्रेस” और इन नाम की उपलब्धि इतनी दूर तक नहीं रही | 

Modi _ BJP
modi aur bjp ke naam ka chaukadene vala jyotishiy vishleshan

Modi - BJP
modi aur bjp ke naam ka chaukadene vala jyotishiy vishleshan

 


पिछले अपने Blog में हमने AkshayKumar के नाम के उपर भी चर्चा करी थी | अब हम इसी प्रकार हम आगे आने Blog में व्यक्ति, व्यापर और उसके उत्पादन के नाम पर भी इसी प्रकार से और भी नियम द्वारा देख सकते है उसके सफल या असफल होने की कड़ी को जेसे :-

  1. A.   Mahindra Scorpio
  2. B.     Maruti Swift Dzire
  3. C.    Activa
  4. D.    Microsoft
  5. E.     मुगले आजम
  6. F.     देवानंद

आदि 

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