G-B7QRPMNW6J शादी में आ रही है अड़चन को दूर करने के लिए विवाह पंचमी पर करे ये उपाय
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शादी में आ रही है अड़चन को दूर करने के लिए विवाह पंचमी पर करे ये उपाय

Jyotish With AkshayG

शादी में आ रही है अड़चन को दूर करने के लिए विवाह पंचमी पर करे ये उपाय

शादी में आ रही है अड़चन को दूर करने के लिए
शादी में आ रही है अड़चन को दूर करने के लिए विवाह पंचमी पर करे ये उपाय  

  

मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन विवाह पंचमी पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार विवाह पंचमी के दिन ही माता सीता और प्रभु श्री राम का विवाह हुआ था|

विवाह पंचमी पर सभी राशि के जातकों को के लिए ये आसान उपाय :-

हिन्दू धर्म में विवाह पंचमी पर्व का विशेष महत्व है। इस विशेष दिन पर माता सीता और प्रभु श्री राम के पूजा का विधान है। मार्गशीर्ष मास को बहुत ही पवित्र महीना माना जाता है। इस मास में पड़ने वाले सभी व्रत-त्योहारों का विशेष महत्व है। बता दें कि मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन विवाह पंचमी पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार विवाह पंचमी के दिन ही माता सीता और प्रभु श्री राम का विवाह हुआ था।

विवाह पंचमी के दिन राम-सीता जी की पूजा करने से भक्तों को सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है और उनके सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। ज्योतिष शास्त्र में विवाह पंचमी के सन्दर्भ में कुछ उपाय बताए गए हैं, जिन्हें करने से सभी राशियों के जातकों को लाभ मिलता है। आइए जानते हैं विवाह पंचमी पर राशि के अनुसार किन उपायों को करने से व्यक्ति को लाभ मिलता है और उनके सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं।

इस दिन तुलसीदास जी ने रामचरितमानस ग्रंथ को पूर्ण भी किया था। इस पर्व को भारत व नेपाल के कुछ राज्यों में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता

शुभ घड़ी, शुभ दिन जब सीया को ब्याहने आये थे रघुवीर उस दिन हुए सब कुछ ही मंगल काज। इस पवित्र दिन को विवाह पंचमी के नाम से जाना जाता है। कल यानी 28 नवंबर को विवाह पंचमी तिथि है। आधुनिक वास्तु एवं एस्ट्रो विशेषज्ञ दीप्ति जैन के अनुसार ​​​​​अगहन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी के रूप में मनाया जाता हैं। शास्त्र अनुसार इस दिन भगवान श्री राम व माता सीता का विवाह हुआ था। इस दिन तुलसीदास जी ने रामचरितमानस ग्रंथ को पूर्ण भी किया था। इस पर्व को भारत व नेपाल के कुछ राज्यों में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के अयोध्या शहर में इस दिन को उत्सव के रूप में मनाया जाता है।

मेष राशि- 

मेष राशि के जातक इस दिन श्री राम और माता सीता की पूजा। साथ ही उनके सामने धूप-दीप जलाएं, और हर दिन ‘ॐ नमो नारायण’ मंत्र का 21 बार जाप करें।

वृषभ राशि- 

वृषभ राशि के जातक ‘श्री राम जय राम जय जय राम’ का 21 बार जाप करें और श्री राम और माता को फल का भोग लगाएं। वह विवाह पंचमी के दिन उपवास जरूर रखें।

मिथुन राशि- 

विवाह पंचमी के दिन मिथुन राशि के उपवास रखें और जानकी जी व श्री राम जी की उपासना करें। साथ ही उन्हें फूल अर्पित करें। इसके साथ इस दिन हवन का आयोजन भी करें।

कर्क राशि- 

श्री राम और माता सीता का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कर्क राशि के जातक ‘ॐ श्री राम’ का जाप 21 बार करें और अपनी माता का आशीर्वाद जरूर लें। इस दिन उपवास रखने से भी विशेष लाभ मिलता है।

सिंह राशि- 

सिंह राशि के जातक इस दिन श्री राम और सीता जी के साथ-साथ मां दुर्गा की पूजा करें। साथ ही वह सूर्य देव व शुक्र देव की पूजा करें।

कन्या राशि- 

कन्या राशि के जातक इस दिन हवन का आयोजन करें और रामायण का पाठ अवश्य करें। इसके साथ वह ‘ॐ जय राम’ का जाप करें।

वृश्चिक राशि- 

वृश्चिक राशि के जातक विवाह पंचमी के दिन माता पार्वती और मां सीता की पूजा करें और ‘ॐ जय राम सीता राम’ का जाप करें।

शादी अड़चन के लिए विवाह पंचमी ये उपाय :-

– इस दिन घर की उत्तर पूर्व दिशा में रामा तुलसी लगाएं, उसके समक्ष शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएं। परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा। परिवार के सदस्यों में क्रियाशीलता की वृद्धि होगी। पारिवारिक कष्ट व पीड़ा से मुक्ति मिलेगी।

– घर के मंदिर में पूर्व मुखी बैठकर एक चौकी लगाएं। चौकी पर पीला कपड़ा बिछाए व पीला वस्त्र स्वयं भी धारण करें। मान-सम्मान की वृद्धि होगी, ज्ञान की प्राप्ति होगी। तत्पश्चात चौकी पर भगवान राम व माता सीता की पीतल से बनी प्रतिमा या फोटो स्थापित करें। प्रतिमा के समक्ष गेंदा व गेंदी के पुष्प अर्पण करें। अरोमा थेरेपी अनुसार गेंदा व गेंदी की सुगंध के शुभ प्रभाव से व्यक्ति की कार्य क्षमता में वृद्धि आती है। वातावरण में उत्साह व क्रियाशीलता का सर्जन होता है। इसकी सुगंध के प्रभाव से परिवार का सामूहिक भाग्य सकारात्मक रूप से सक्रिय होता है। रुके हुए कार्य पूर्ण होते हैं।

– भगवान की प्रतिमा के समक्ष शुद्ध देसी घी के दीपक में कुछ टुकड़े कपूर डालकर जलाएं। आय में वृद्धि होगी दाम्पत्य सुख में मधुरता आएगी।

– भगवान के समक्ष हरसिंगार की धूप। पंचतत्व संतुलित होंगे। परिवार में एकता व संपन्न का आएगी। साथ ही केसर युक्त बर्फी का भोग लगाएं। मैत्री भाव उत्पन्न होगा व प्राण शक्ति का विकास होगा।

– घर के मंदिर में अशोक के पत्ते से बनी वंदनवार अवश्य टांगे। दुख पीड़ा दूर होगी।

– इस वर्ष विवाह पंचमी पर सर्वसिद्धि योग के साथ-साथ कई अन्य शुभ योग बन रहे हैं। ऐसे में रामचरितमानस का पाठ करने से दांपत्य सुख की प्राप्ति होगी।

– विवाह योग्य वर या वधू आज के दिन किसी राम मंदिर में केला व केली का पौधा लगाएं। विवाह जल्द ही होगा व मनचाहा साथी मिलेगा।

– विवाह में अशांति व कलेश दूर करने के लिए आज के दिन घर के बगीचे में अशोक के पेड़ अवश्य लगाएं। शोक और अशांति से मुक्ति मिलेगी। दांपत्य सुख में आई बाधाएं दूर होंगी।

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