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अपने घर से जुड़े कुछ वास्तु Tips सिर्फ 5 min में ठीक करे |
घर से जुड़े कुछ वास्तु टिप्स:-
Ghar Ka Vastu Shastra वास्तु शास्त्र के रूप में ज्ञात वास्तुकला और निर्माण के प्राचीन भारतीय विज्ञान का उपयोग करके एक घर या संरचना के लिए इष्टतम डिजाइन निर्धारित किया जा सकता है। यह इस विचार पर आधारित है कि वहां रहने वाले परिवार पर घर के स्थान, उसकी दीवारों और उसके निर्माण के तरीके से सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
वास्तुशास्त्र एक प्राचीन विज्ञान है, जिससे हमें पता चलता है कि घर, ऑफिस, व्यवसाय इत्यादि में कौन सी चीज के लिए कौन सी दिशा सही होगी और कौन सी नहीं, साथ ही हमें बताता है कि वास्तु दोषों का निवारण कैसे किया जा सकता है। यह मिथक या अन्धविश्वास पर आधारित बातें नहीं बताता है। घर के अन्दर कौन-सा कमरा किस दिशा में ज्यादा अच्छा रहेगा, कौन से पौधे आपको घर में लगाने चाहिए और कौन से नहीं इत्यादि।
वास्तु शास्त्र वास्तुकला की एक प्राचीन भारतीय प्रणाली है जो घर या कार्यक्षेत्र में एक सामंजस्यपूर्ण वातावरण बनाने में मदद करती है। यह एक डिजाइन बनाने के लिए हिंदू धर्म, खगोल विज्ञान और ज्योतिष के तत्वों को शामिल करता है जो निवासियों के लिए संतुलन और समृद्धि लाएगा। आरंभ करने के लिए, आप स्वयं को वास्तु के पांच तत्वों से परिचित कराना चाहेंगे: पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और अंतरिक्ष। आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा को अधिकतम करने के लिए प्रत्येक तत्व को आपके डिजाइन में संतुलित तरीके से शामिल किया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त, अपने कमरों, दरवाजों और खिड़कियों की दिशाओं और स्थान पर विचार करना महत्वपूर्ण है। रंग, बनावट और फर्नीचर की व्यवस्था भी वास्तु शास्त्र के महत्वपूर्ण पहलू हैं।
घर से जुड़ा कुछ महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स :-
वास्तु के अनुसार पूजा घर को उत्तर-पूर्व दिशा अर्थात ईशान कोण में बनाना ही सबसे अच्छा माना जाता है।
घर की नकारात्मक ऊर्जा को कम करने के लिये सुबह-सुबह अपने घर में थोडी देर के लिये ही सही पर भजन अवश्य बजाएं।
अपने घर के फर्स पर सप्ताह में एक बार समुद्री नमक से पोछा लगाएं, ऐसा करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा कम होती है।
घर के मुख्य द्वार पर दायीं तरफ स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं।
घर में कबाड़ या जो वस्तुए टूटी-फूटी है उन्हें नहीं रखना चाहिए।
पानी के फुहारे को घर में नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि इससे धन नहीं ठहरता है।
कभी भी झाड़ू को खड़ा करके नहीं रखनी चाहिए।
झाड़ू को पैर से नहीं छूते और ना ही झाड़ू को लांघना चाहिए, ऐसा करने से घर में बरकत की कमी हो जाती है।
झाड़ू हमेशा छुपा कर रखना चाहिए ताकि किसी की नजर उस पर ना पड़े।
पूजा का दीपक या आरती का कैसा भी दीपक हो उसे मुंह से फूंक मारकर नहीं बुझाना चाहिए।
भोजन में से पहली रोटी गाय के लिए अलग से निकाल दें, इससे देवता प्रसन्न होते हैं और पितरों को भी शांति मिलती है।
पूजा घर या उत्तर-पूर्व दिशा में जल से भरकर कलश रखें।
पानी के फुहारे को घर में नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि इससे धन नहीं ठहरता है।
घर में जूते-चप्पल इधर-उधर बिखरे हो या उल्टे पड़े हो तो सीधी करके रखे, अन्यथा घर में अशांति फैलती है।
फटे हुए चित्र, या खंडित मूर्ति पूजा घर में बिल्कुल नहीं होनी चाहिए।
घर में कभी भी जाले न लगने दें, वरना भाग्य और कर्म पर जाले लगने लगते हैं।
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