इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 2022 है बेहद खास : जाने माँ के वाहन व तिथि के अनुसार पूजन
इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 2022 है बेहद खास : जाने माँ के वाहन व तिथि के अनुसार पूजन |
इस वर्ष शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ 26 सितंबर, 2022 सोमवार से हो रहा है और इसका समापन मंगलवार, 4 अक्टूबर, 2022 को होगा। इस दिन ग्रहों की स्थिति भी बेहद खास होगी।
शारदीय नवरात्रि 2022 शुभ मुहूर्त – शारदीय नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त
चौघड़िया के अनुसार शुभ मुहूर्त –
सिंह लग्न – सुबह 6ः00-7ः30 बजे तक
वृश्चिक लग्न – 9ः53-12ः09 बजे तक
कुंभ लग्न – 4ः05 – 5ः30 बजे तक
वृषभ लग्न – 8ः38 – 10ः34 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त – 11ः30 से 12ः15 बजे तक
इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 2022 है बेहद खास : जाने माँ के वाहन व तिथि के अनुसार पूजन |
जानें किस दिन-किस तिथि में कौन सी देवी की पूजा की जाएगी:
दिन और वार नवरात्रि दिन तिथि किस देवी की करें पूजा
26 सितंबर 2022(सोमवार) नवरात्रि दिन 1 प्रतिपदा माँ शैलपुत्री पूजा, घटस्थापना
27 सितंबर 2022(मंगलवार) नवरात्रि दिन 2 द्वितीया माँ ब्रह्मचारिणी पूजा
28 सितंबर 2022(बुधवार) नवरात्रि दिन 3 तृतीया माँ चंद्रघंटा पूजा
29 सितंबर 2022(गुरुवार) नवरात्रि दिन 4 चतुर्थी माँ कुष्मांडा पूजा
30 सितंबर 2022(शुक्रवार) नवरात्रि दिन 5 पंचमी माँ स्कंदमाता पूजा
1 अक्टूबर 2022(शनिवार) नवरात्रि दिन 6 षष्ठी माँ कात्यायनी पूजा
2 अक्टूबर 2022(रविवार) नवरात्रि दिन 7 सप्तमी माँ कालरात्रि पूजा
3 अक्टूबर 2022(सोमवार) नवरात्रि दिन 8 अष्टमी माँ महागौरी पूजा दुर्गा महाअष्टमी पूजा
4 अक्टूबर 2022(मंगलवार) नवरात्रि दिन 9 नवमी माँ सिद्धिदात्री पूजा, महा नवमी पूजा
5 अक्टूबर 2022(बुधवार) नवरात्रि दिन 10 दशमी दुर्गा विसर्जन विजयदशमी
माँ के आगमन के वाहन में क्या है खास :-
इस बार की मां दुर्गा की सवारी गजराज होंगे। गज यानि हाथी पर बैठी मां लक्ष्मी का प्रतीक होती हैं। इससे सर्वत्र सुख संपन्नता बढ़ेगी। इसके साथ ही देश भर में शांति के लिए किए जा रहे प्रयासों में सफलता मिलेगी। यानी कि पूरे देश के लिए यह नवरात्रि शुभ साबित होने वाली है।
माँ के प्रस्थान का वाहन:-
माँ के प्रस्थान का वाहन:- इस वर्ष माता हाथी पर ही वापस भी जाएंगी। दरअसल विजयदशमी बुधवार को है और जब भी विजयदशमी बुधवार या शुक्रवार के दिन होती है तो माता हाथी के वाहन पर ही वापिस जाती हैं।
नवरात्रि में ग्रह दोष करें दूर
नवरात्रि में माँ दुर्गा के जिन विभिन्न नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है उन स्वरूपों का हमारे नौ ग्रहों से भी गहरा संबंध होता है। यदि विधि पूर्वक हम नवरात्रि में माँ दुर्गा के इन स्वरूपों की पूजा करें तो उनसे संबंधित ग्रह मजबूत होता है और उस ग्रह से संबन्धित दोष समाप्त होता है।
नवरात्रि में पूजित माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों का किन ग्रहों के साथ संबंध होता है।
देवी दुर्गा के विभिन्न स्वरूप ग्रहों से माँ के स्वरूपों का संबंध
माँ शैलपुत्री चंद्रमा ग्रह
माँ ब्रह्मचारिणी मंगल ग्रह
माँ चंद्रघंटा शुक्र ग्रह
माँ कुष्मांडा सूर्य ग्रह
माँ स्कंदमाता बुध ग्रह
माँ कात्यायनी बृहस्पति ग्रह
माँ कालरात्रि शनि ग्रह
माँ महागौरी राहु ग्रह
माँ सिद्धिदात्री केतु ग्रह
शारदीय नवरात्रि 2022: क्या करें-क्या ना करें
अगरबत्ती का प्रयोग ना करें।
माँ दुर्गा की आरती अवश्य करें।
नौ दिनों तक दोनों पहर पूजा अवश्य करें।
दिन में सोने से बचें।
इन 9 दिनों में दाढ़ी, मूंछ, और बाल भूल से भी ना काटें।
झूठ बोलने से बचें।
नवरात्रि में रंगों और भोग का महत्व
नवरात्रि के 9 दिनों में माँ को अलग-अलग भोग अर्पित किए ही जाते हैं। साथ ही माँ दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए उनके भक्त रंगीन वस्त्र धारण कर उनकी पूजा करते हैं। जिस तरह से नवरात्रि के हर एक दिन अलग-अलग देवी को समर्पित माना गया है ठीक उसी तरह से हर देवी का प्रिय भोग अलग होता है साथ ही उन्हें प्रसन्न करने के लिए किए जाने वाले रंगों का इस्तेमाल भी अलग होता है।
नवरात्रि में किस दिन कौन सी देवी को किस चीज का भोग लगाना और कौन से रंग के वस्त्र पहनना आपके लिए शुभ साबित हो सकता है।
माँ दुर्गा के विभिन्न स्वरूप उनका प्रिय रंग उनका मनपसंदीदा भोग
माँ शैलपुत्री पीला रंग गाय के घी से बनी सफेद चीजों, सफेद मिठाई का भोग लगाएं।
माँ ब्रह्मचारिणी हरा रंग मिश्री, चीनी, और पंचामृत का भोग लगाएं।
माँ चंद्रघंटा ग्रे स्लेटी रंग दूध और दूध से बनी वस्तुओं का भोग लगाएं।
माँ कुष्मांडा नारंगी रंग मालपुए का भोग लगाएं।
माँ स्कंदमाता सफेद रंग केले का भोग लगाएं।
माँ कात्यायनी लाल रंग शहद का भोग लगाएं।
माँ कालरात्रि नीला रंग गुड़ का नैवेद्य पूजा में शामिल करें।
माँ महागौरी गुलाबी रंग नारियल और नारियल से बनी वस्तुओं का भोग लगाएं।
माँ सिद्धिदात्री बैंगनी रंग हलवा चना पूरी खीर का भोग लगाएं।
इस बात का विशेष ध्यान रखें कि अखंड ज्योति की बाती बार-बार न बदलें।
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