होना चाहते है मालामाल तो अपने घर में ले आयें ये 4 चमत्कारी चीजें कर देंगी दुखों का अंत
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होना चाहते है मालामाल तो अपने घर में ले आयें ये 4 चमत्कारी चीजें कर देंगी दुखों का अंत |
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर में मौजूद एक चीज से सकारात्मक या फिर नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है। इस ऊर्जा का असर व्यक्ति के जीवन पर अधिक पड़ता है। कई बार नकारात्मक ऊर्जा के कारण बनते हुए काम भी बिगड़ जाते हैं। तरक्की में बाधा उत्पन्न होती है। इतना ही नहीं स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। कई बार जो पैसों की इतनी तंगी होती है कि कर्ज लेने तक की नौबत आ जाती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में मौजूद वास्तु दोष को करने के लिए कुछ चीजों को ले आएं। ऐसा करने से हर काम में सफलता मिलेगी और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होगी।
#1.एकाक्षी नारियल
वास्तु शास्त्र के अनुसार, एक आंख वाला नारियल घर में रखना शुभ माना जाता है। इस नारियल को शुभता और सुख-शांति का प्रतीक माना जाता है। एक आंख वाला नारियल लाकर इसे सिंदूर से रंग लें और एक लाल रंग के कपड़े में बांधकर पूजा घर में रख लें और नियमित रूप से पूजा करें।
एकाक्षी नारियल का यह उपाय कर देगा मालामाल, जानें कैसा होता है एकाक्षी नारियल
हिंदू धर्म में नारियल का विशेष महत्व माना जाता है। पूजा-पाठ या किसी भी शुभ कार्य में नारियल का उपयोग किया जाता है। लेकिन आपको बता दें की नारियल को श्रीफल नहीं कहा जाता है। श्रीफल को बहुत शुभ भी माना जाता है। पूजा के बाद नारियल को प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। लेकिन क्या आपको पता है नारियल में सबसे ज्यादा एकाक्षी नारियल को शुभ माना जाता है।
लक्ष्मी का रुप माना जाता है एकाक्षी नारियल
एकाक्षी नारियल को देवी लक्ष्मी का रुप माना जाता है। कहा जाता है कि ये बहुत ही दुर्लभ होता है और भाग्यवाले लोगों को ये नारियल मिलता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जिस व्यक्ति के पास एकाक्षी नारियल होता है उसके उपर हमेशा लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहती है। कभी उसके जीवन में आर्थिक संकट नहीं आता है। एकाक्षी नारियल को तोड़ना अशुभ माना जाता है।
एकाक्षी नारियल' की ऐसे करें पहचान
सामान्यतः नारियल की आकृति में तीन छेद होते हैं, जिनमें से दो आंखे और एक मुख होता है। नारियल में तीन खड़ी रेखाएं भी दिखाई देती हैं, लेकिन एकाक्षी नारियल में सिर्फ दो छिद्र होते हैं, जो कि एक मुख और एक आंख वाले होते हैं। एकाक्षी नारियल में केवल दो रेखाएं होती हैं।
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एकाक्षी नारियल के उपाय
एकाक्षी नारियल को तोड़ा नहीं जाता है। लेकिन इसका प्रयोग बहुत ही लाभ देता है। एकाक्षी नारियल को विशेष मुहूर्तों जैसे रवि-पुण्य, गुरु-पुष्य, ग्रहण काल आदि शुभ मुहूर्तों में एक रेशमी कपड़ा लें और एकाक्षी नारियल को कपड़े में बांध दें। कपड़े में नारियल बांधकर अपनी तिजोरी या व्यापारिक प्रतिष्ठान या फिर पूजा की जगह रख दें। ऐसा करने से देवी लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है। एकाक्षी नारियल में धन आकर्षण की अद्भुत क्षमता होती है।
#3.शालिग्राम
शिवलिंग जहां भगवान शंकर का प्रतीक है तो शालिग्राम भगवान विष्णु का। शिवलिंग के तो भारत में लाखों मंदिर हैं, लेकिन शालग्रामजी का एक ही मंदिर है।
शालिग्राम को भगवान विष्णु का साक्षात अवतार माना जाता है। इसी कारण इसे घर में रखना काफी शुभ माना जाता है। ये काले रंग के चिकने, अंडाकार होते हैं। माना जाता है कि जिस घर में शालिग्राम की नियमित रूप से पूजा की जाती है, वहां से वास्तु दोष सहित अन्य बाधाएं समाप्त हो जाती है। भगवान गदाधर एक चक्र से चिह्नित देखे जाते हैं। लक्ष्मीनारायण दो चक्रों से, त्रिविक्रम तीन से, चतुर्व्यूह चार से, वासुदेव पाँच से, प्रद्युम्न छ: से, संकर्षण सात से, पुरुषोत्तम आठ से, नवव्यूह नव से, दशावतार दस से, अनिरुद्ध ग्यारह से और द्वादशात्मा बारह चक्रों से युक्त होकर जगत की रक्षा करते हैं। इससे अधिक चक्र चिह्न धारण करने वाले भगवान का नाम अनन्त है।
घर के वास्तु दोष को हटाने के साथ घर में खुशियां ही खुशियां लाने के लिए पारद से बने शिवलिंग घर ले लाएं। रोजाना इस शिवलिंग की पूजा करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
#4.हरिद्रा
हरिद्रा एक तरह का पौधा है। माना जाता है कि इस पौधे की जड़ में भगवान गणेश का वास होता है। इसलिए हरिद्रा की जड़ या पेड़ से गणपति जी को घर या ऑफिस में रखने से वास्तु दोष से छुटकारा मिलता है और धन धान्य की बढ़ोतरी होती है। भगवान गणेश पर एक प्राचीन ग्रंथ “मुदगल पुराण” के अनुसार गणेश के बत्तीस रूप माने जाते हैं। हरिद्रा गणेश उनमें से एक हैं। हरिद्रा शब्द का अर्थ है “हल्दी”। हरिद्रा गणपति को “हल्दी की जड़ों” से बनाया गया है और इसे बहुत भाग्यशाली और शुभ माना जाता है।
इनकी तीन आँखें बताई गईं हैं और ये स्वर्ण के सिंहासन पर बैठते हैं। इनका रंग हल्दी के समान पीला है और ये पीले कपड़े भी पहनते हैं। पीला रंग स्तम्भन का होता है तथा यह रंग सौंदर्यवर्धक तथा विघ्नविनाशक भी माना जाता है। त्रिपुर सुन्दरी श्रीदेवी के आवाहन करने पर हरिद्रा गणपति ने दैत्य के अभिचार को नष्ट किया था। इनकी चार भुजाएँ हैं जिनमे से एक में फंदा, दूसरे में अंकुश, तीसरे में मोदक (मिठाई) और चौथे मे दांत (स्वयं का टूटा हुआ दांत) है। वह अपने भक्तों को फंदे से अपने निकट लाते हैं और अंकुश द्वारा उन्हें सही दिशा में ले जाता है। हरिद्रा गणेश के प्रयोग से शत्रु का हृदय द्रवित होकर वशीभूत हो जाता है तथा श्री बगलामुखी साधना में बल प्रदान करता है।
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